પુરૂષાર્થ
22 June 2010
उमीद
दिल उमीद ले कर बैठा था
कोई तेरी आरझु नही थी,
पर होसला तेरा लेकर बैठा था
कांति वाछाणी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment